पानी और नजासत की पहेलियां 3
ग़ुज़रे हुए कल की क़िस्त 8, में दह दरदह हौज़ की गहराई 10, हाथ बताई गई ये बताने में ग़लती हो गई जब्के सही ये है के गहराई की कोई मिक़दार नहीं, बस इतना हो के 10, हाथ लंबाई और 10, हाथ चौड़ाई यानी कुल रक़बा 100, हाथ होना चाहिए, इसमें इतना पानी हो के हौज़ की ज़मीन कहीं से खुली ना हो,
📚 बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफ़ह 47)
अल्लाह तआला अपने हबीब सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम के सदक़े में हमारी तमाम गलतियों और गुनाहों को मुआफ़ फ़रमाए,
استغفر الله ربي من كل ذنب واتوب اليه
1️⃣1️⃣ सवाल----- कुएं में बकरी मर गई जिसमें कुल पानी निकालने का हुक्म है मगर थोड़ा सा पानी निकालने से कुल पानी पाक हो जाए इसकी तदबीर क्या है,
1️⃣1️⃣ जवाब----- कुएं का गोला (यानी चारों तरफ़ की दीवारें) अगर जमीन से ऊंचा हो और वहां तक पानी भरा हो या भर दिया गया हो फिर वहां सुराख़ करके कुछ पानी निकाल दिया जाए तो सब पानी पाक हो जाएगा,
📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 1 सफ़ह 362)
1️⃣2️⃣ सवाल----- किस सूरत में कुएं का सिर्फ़ एक डोल पानी निकालना वाजिब है,
1️⃣2️⃣ जवाब----- जो कुआं के चूहा वगैरह के मरने से पाक किया जा रहा था उसका आखिरी डोल दूसरे कुएं में डाल दिया गया तो इस सूरत में दूसरे कुएं का सिर्फ़ एक डोल पानी निकालना वाजिब होगा,
📗 अल अश्बाह वन्नज़ाइर सफ़ह 394)
1️⃣3️⃣ सवाल----- मेंडक कुएं में मर के फूल जाए तो कुल पानी नापाक हो जाएगा इसकी सूरत क्या है,
1️⃣3️⃣ जवाब----- जंगल का बड़ा मेंडक के जिसमें बहने के काबिल खून होता है वह अगर कुएं में मर के फूल जाए, तो इस सूरत में कुल पानी नापाक हो जाएगा, और खुश्की के मेंडक की पहचान यह है के उसकी उंगलियों के दरमियान झिल्ली नहीं होती और पानी के मेंडक में झिल्ली होती है,
📚 बिहारे शरिअत हिस्सा 2, सफ़ह 53)
📚 दुर्रे मुख़्तार मअ् शामी जिल्द 1 सफ़ह 124,
📚 रद्दुल मोहतार,
1️⃣4️⃣ सवाल----- थोड़े पानी में कुत्ता और सूवर मर गए मगर पानी नजिस नहीं हुआ इसकी सूरत क्या है,
1️⃣4️⃣ जवाब----- पानी का कुत्ता और सूवर अगर थोड़े पानी में मर गए तो इस सूरत में पानी नाजिस नहीं हुआ,
📚 दुर्रे मुख़्तार व रद्दुल मोहतार जिल्द 1 सफ़ह 124)
📚 बहरुर्राइक़ जिल्द 1 सफ़ह 90)
1️⃣5️⃣ सवाल----- सांप कुएं में मर गया फिर फूल और फट कर उसके अजज़ा पानी में बिखर गए मगर पानी नजिस नहीं हुआ इसकी सूरत क्या है,
1️⃣5️⃣ जवाब----- पानी का सांप कुएं में मर गया फिर फूल और फट कर उसके अजज़ा पानी में बिखर गए तो इस सूरत में अगरचे उसका पीना हराम है मगर पानी नजिस नहीं हुआ,
📚 रद्दुल मोहतार सफ़ह 124)
📗 अजाइबुल फ़िक़ह सफ़ह 80)