वाक्यांश के लिए एक शब्द - जो प्रतियोगी परीक्षाओ मे पूछे जा चुके है

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- जो बीत चुका हो अतीत (IAS)
- जो दिखायी न पड़े अदृश्य, अप्रत्यक्ष (UPPCS, IAS)
- जो सदा से चला आ रहा है अनवरत (IAS)
- जो कभी नहीं मरता अमर्त्य, अमर (APO, RAS, IAS)
- जो आगे (दूर) की न सोचता हो अदूरदर्शी (Upper Sub.)
- जो आगे (दूर) की सोंचता हो अग्रसोची, दूरदर्शी(UPPCS, IAS)
- धरती (पृथ्वी) और आकाश के बीच का स्थान अंतरिक्ष(UPPCS, IAS)
- जिसका कोई अर्थ न हो अर्थहीन(UPPCS, IAS)
- जिस पर आक्रमण न किया गया हो अनाक्रांत(UPPCS, IAS)
- जिसे जीता न जा सके अजेय(UPPCS, Upper Sub., RO)
- बिना वेतन काम करने वाला अवैतनिक(UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
- जिसका जन्म पहले हुआ हो (बड़ा भाई) अग्रज(RAS)
- दोपहर के बाद का समय अपराह्न (IAS,Upper Sub., UPPCS)
- जो पराजित न किया जा सके अपराजेय(UKPCS)
- अधिक बढ़ा-चढ़ा कर कहना अतिशयोक्ति,अतियुक्ति(B.Ed.)
- जिसका परिहार (त्याग) न हो सके/जिसको छोड़ा न जा सके अपरिहार्य(UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
- जो कानून के प्रतिकूल हो/जो विधि के विरुद्ध हो अवैध, अविधिक(UPPCS, IAS)
- जो समय पर न हो असामयिक(UPPCS, IAS)
- जो अवश्य होने वाला हो अवश्यम्भावी(APO, UPPCS)
- जिसका विवाह न हुआ हो अविवाहित(IAS)
- जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो अन्तर्यामी(MPPCS)
- जिसका इलाज न हो सके असाध्य(RO)
- किसी कार्य के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता अनुदान(UKPCS)
- व्यर्थ/अनुचित खर्च करने वाला अपव्ययी(RAS, UPPCS)
- जिसकी पहले से कोई आशा न हो अप्रत्याशित(UPPCS, APO)
- पुरुष जो अभिनय करता हो अभिनेता(MPPSC)
- जो भेदा या तोड़ा न जा सके अभेद्य(Low Sub.)
- जिसका जन्म छोटी जाति (निचले वर्ण) में हुआ हो अंत्यज(RO)
- जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो अद्यःप्रसूत(UPPCS, IAS)
- जिसको क्षमा न किया जा सके अक्षम्य(Low Sub.)
- जो न जाना जा सके अज्ञेय(Upper Sub., UPPCS)
- जो कुछ न जानता हो अज्ञ, अज्ञानी(UPPCS, B.Ed.)
- कम बोलने वाला अल्पभाषी, मितभाषी(Low Sub., APO, UPPCS, RAS,)
- थोड़ा जानने वाला अल्पज्ञ(RAS, MPPCS)
- जिसका कभी अन्त न हो अनन्त(UPPCS, B.Ed.)
- जिसका माँ-बाप न हो अनाथ(IAS,UPPCS)
- जिसके समान कोई दूसरा न हो अद्वितीय(RAS, IAS,UPPCS)
- जिस पर मुकद्दमा चल रहा हो/ जिस पर अभियोग लगाया गया हो अभियुक्त, अभियोगी(UPPCS, APO, IAS)
- जिसकी कोई सीमा न हो असीम(IAS,UPPCS)
- जिसके आने की कोई तिथि न हो अतिथि(IAS,UPPCS)
- जिसे भुलाया न जा सके अविस्मृति(IAS)
- जिसकी उपमा न हो अनुपम, अनुपमा(UPPCS, IAS)
- जिसे बुलाया न गया हो/जो बिना बुलाये आया हो अनाहूत(IAS,UPPCS)
- जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके/जिसे वाणी व्यक्त न कर सके अनिर्वचनीय,अवर्णनीय(IAS,UPPCS)
- जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सके अकथनीय(UPPCS, IAS)
- जिसका निवारण न हो सकता हो असाध्य(UPPCS, B.Ed.)
- जो अनुकरण करने योग्य हो अनुकरणीय(APO)
- किसी के पीछे-पीछे चलने वाला/जो पीछे चलता हो अनुचर, अनुगामी, अनुयायी(IAS,B.Ed.)
- जिस पर अनुग्रह किया गया हो अनुगृहीत(UPPCS, B.Ed.)
- जो हिसाब किताब की जाँच करता हो अंकेक्षक(MPPCS)
- रूप के अनुसार अनुरूप(UPPCS, IAS)
- सोच-समझकर कार्य न करने वाला अविवेकी(UPPCS, RAS)
- जो पहले कभी घटित न हुआ हो अघटित(IAS)
- जिसकी परिभाषा देना संभव न हो अपरिभाषित(IAS,B.Ed.)
- विकृत शब्द/बिगड़ा हुआ शब्द अपभ्रंश(UPPCS, IAS)
- जो विश्वास करने योग्य (लायक) न हो अविश्वासनीय(Low Sub.)
- जिसका किसी भी प्रकार उल्लंघन नहीं किया जा सके – अनुलंघनीय (Low Sub.)
- जो अभी तक न आया हो अनागत(IAS,B.Ed.)
- मूल्य घटाने की क्रिया अवमूल्यन(IAS,B.Ed.)
- अधिकार या कब्जे में आया हुआ अधिकृत(UKPCS)
- जो पहले कभी नहीं सुना गया अनुश्रुत(Low Sub.)
- जिसका जन्म अण्डे से हो अण्डज(APO, B.Ed.)
- गुरु के समीप या साथ रहने वाला विद्यार्थी अन्तेवासी(UPPCS, B.Ed.)
- जो व्यय न किया जा सके अव्यय(Low Sub.)
- जिसका उत्तर न दिया गया हो अनुत्तरित(Low Sub., UPPCS)
- जो बदला न जा सके अपरिवर्तनीय(Low Sub.)
- जो इधर-उधर से घूमता-फिरता आ जाए आगन्तुक(UPPCS, IAS)
- जो आदर करने योग्य हो आदरणीय(IAS)
- आशा से अधिक/जिसकी आशा न की गई हो आशातीत(Upper Sub., Low Sub.)
- आलोचना करने वाला आलोचक(Upper Sub.)
- आदि से अन्त तक आद्योपान्त, आद्यन्त(UPPCS, IAS)
- जो अपने पैरों पर खड़ा हो आत्म-निर्भर(UPPCS, IAS)
- आभार मानने वाला आभारी(RAS, UPPCS)
- जो किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण-दोष की आलोचना करता हो आलोचक(Upper Sub.)
- वह कवि जो तत्काल/तत्क्षण कविता कर डालता हो आशुकवि(UKPCS, UPPCS)
- जो स्वयं का मत मानने वाला हो – आत्मभिमत (UPPCS, IAS)
- जो ईश्वर को मानता हो आस्तिक(MPPCS, Low Sub., UPPCS, BPSC, UKPCS)
- अतिथि की सेवा करने वाला आतिथेयी(UKPCS)
- भगवान के सहारे अनिश्चित आय आकाशवृत्ति(UKPCS)
- जो परम्परा से सुना हुआ हो आनुश्राविक(UKPCS)
- जो इन्द्रियों को वश में कर ले इन्द्रिय-निग्रहवान(Upper Sub.)
- इतिहास जानने वाला इतिहास-विंद,इतिहासविज्ञ, इतिहासकार (Upper Sub.)
- इंद्रियों को वश में रखने वाला/जो इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर चुका हो इंद्रियजित, जितेन्द्रिय(TET)
- इन्द्रियों से परे/इन्द्रियों के पहुँच के बाहर इन्द्रियाती(UPPCS, IAS)
- जो ऊपर कहा गया है उपर्युक्त(IAS)
- उपकार करने वाला उपकारी(UPPCS, IAS)
- किसी के बाद उसकी संपत्ति या पद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति उत्तराधिकारी(RAS)
- जो सब कुछ उदारता से देना जानता है उदारमना(UPPCS, IAS)
- जिसने ऋण चुका दिया हो उऋण(BPSC)
- पर्वत के नीचे तलहटी की भूमि उपत्यका(RAS)
- ऊँचे स्वर से उच्चारण किया हुआ उर्ध्वोच्चारित(UPPCS, IAS)
- जो धरती फोड़कर जन्मता है उद्भिज(Low Sub.)
- जो छाती/पेट के बल चलता है उरग, सर्प(Low Sub.)
- एक ही आदमी का अधिकार एकाधिकार(UPPCS, RAS)
- अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला एकान्तिक(UPPCS, IAS)
- अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न (पुत्र) औरस(APO)
- जो सब कुछ उदारता से देना जानता है औदार्यदाता(UPPCS, IAS)
- जो कल्पना से परे हो कल्पनातीत(IAS,BPSC)
- जो काल से परे हो कालातीत(IAS)
- जिस पुरुष का ब्याह न हुआ हो/जिसने अभी विवाह न किया हो कुमार, कुँवारा, कुआँरा(IAS)
- भय-शोकादि के कारण कर्तव्य-ज्ञान से रहित/जिसे कर्तव्य न सूझ रहा हो किंकर्तव्य-विमूढ़(UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
- लेखन अति उत्तम होना कलम तोड़ना(UPSI)
- जो अच्छे या ऊँचे कुल में उत्पन्न हुआ हो कुलीन(Low Sub., UPPCS)
- व्यक्ति जिसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीमित हो/जिसे बाहरी जगत का ज्ञान न हो कूपमंडूक(UKPCS)
- जो मोल लिया हुआ हो क्रीत(RAS, APO)
- किये हुए उपकार को भूल जाने वाला कृतघ्न,एहसान, फरामोश(Low Sub., RAS, UPPCS, APO, Asst. Grad Exam.)
- स्त्री जो कविता रचती है कवयित्री(Low Sub.)
- जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया हो कर्त्तव्यच्युत(Upper Sub.)
- जो अपने काम से जी चुराता हो कामचोर(MPPCS)
- जिसके पास करोड़ों रुपये हों करोड़पति(B.Ed., IAS)
- जो कम खर्च करने वाला हो कंजूस, मितव्ययी(UPPCS, APO)
- राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला कूटनीति(MPPCS)
- जो भवन/घर गिर गया हो खंडहर(Low Sub.)
- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य परा ढक जाये खग्रास,सूर्यग्रहण(UPPCS, IAS)
- जो खाया जा सके (जो खाने योग्य हो) खाद्य(UPPCS, IAS)
- आकाश चूमने वाला गगनचुम्बी, गगनस्पर्शी(Low Sub., APO, UPPCS, RAS)
- संध्या काल जब गायें चरकर लौटती हैं/सन्ध्या और रात के बीच का समय गोधूलि(Upper Sub.)
- जो बात छिपाई जाए गोपनीय(UPPCS, IAS)
- जिसके सिर पर बाल न हो गंजा (Low Sub.)
- जो पहाड़ को धारण करता हो गिरिधारी,श्रीकृष्ण(IAS)
- जो सदा से चला आ रहा हो चिरन्तन, शाश्वत(IAS)
- जिस पर चिन्ह लगाया गया हो चिन्हित(UPPCS, IAS)
- जिनके चार-चार पैर होते हैं चतुष्पद, चौपाया(APO)
- जिसके सिर पर चन्द्रमा (चन्द्र) है चंद्रशेखर(UPPCS, RO)
- जहाँ से अनेक मार्ग चारों ओर जाते हैं चौराहा(IAS)
- छोटे से छोटे दोष को खोजने वाला छिद्रान्वेषी(MPPCS, RAS)
- जीने की प्रबल इच्छा जिजीविषा(MPPCS, RAS)
- कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह जिज्ञासा(UPPCS, IAS)
- जानने की इच्छा रखने वाला जिज्ञासु(UPSI, UPPCS, IAS, RAS, Low Sub.)
- जिसने इन्द्रियों पर विजय पा ली हो जितेन्द्रिय(Upper Sub.)
- जो अवैध सन्तान हो जारज(UKPCS)
- तीनों कालों (भूत, वर्तमान और भविष्य) को जानने वाला त्रिकालज्ञ, त्रिकालदर्शी(UKPCS)
- ऐसी जीविका जो आकस्मिक हो तदर्थजीविका(UPPCS, IAS)
- धरती और आकाश के बीच का स्थान त्रिशंकु(UPPCS, IAS)
- जो आगे की सोचता हो दूरदर्शी(RAS)
- गोद लिया हुआ पुत्र दत्तक(UPPCS, UKPCS)
- जो दुबारा जन्म लेता हो द्विज, द्विजन्मा(UPPCS, APO)
- जहाँ जाना कठिन हो दुर्गम(MPPCS, RAS)
- जिसका दमन करना कठिन हो दुर्दम, दुर्दम्य(UPPCS, IAS)
- स्त्री-पुरुष का जोड़ा/पति एवं पत्नी दंपति, दंपती (UPPCS, IAS)
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