इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उसको मृत्यु अवश्य प्राप्त होती है, इसीलिए इस संसार को मृत्युलोक भी कहा जाता है | किन्तु हिन्दू पुराणों के अनुसार ऐसे 8 महापुरुष हुए जिन्हें अमरत्व का वरदान मिला | आइये जानते हैं इनके बारे में |
1 : अश्वत्थामा: गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को भगवान कृष्ण ने श्राप दिया था कि वे चिरकाल तक इसी मृत्युलोक में भटकेगा और उसके शरीर पर ऐसे घाव होंगे जो कभी नहीं भरेंगे | ऐसा माना जाता है कि अश्वत्थामा आज भी जीवित है |
2: हनुमान जी: भगवान राम के परम भक्त और सेवक हनुमान जी को माता सीता ने अशोक वाटिका में अमरत्व का वरदान दिया था और कहा था कि जो भी हनुमान की सच्चे ह्रदय से आराधना करेगा, हनुमान जी उसके सभी कष्टों को दूर करेंगे |
3: ऋषि मार्कंडेय: ऋषि मार्कंडेय भगवान शिव के परम भक्त थे | उन्होंने महामृत्युंजय मन्त्र को सिद्ध कर मृत्यु पर विजय प्राप्त की थी |
4: परशुराम: भगवान विष्णु के अंशावतार परशुराम को | इन्होने भगवान शिव की कठोर तपस्य कर उन्हें प्रसन्न किया था, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें फरसा और अमरत्व का वरदान दिया था |
5: क्रिपाचार्य: शरदवान गौतम के पुत्र क्रिपाचार्य कौरवों के कुलगुरु और अश्वत्थामा के मामा हैं | इन्होने महाभारत के युद्ध में कौरवों का साथ दिया था |
6: विभीषण: भगवान राम की सच्चाई जानने के बाद रावण के भाई विभीषण ने राम का साथ दिया | रावण के वध के पश्चात राम ने विभीषण को अमरत्व का वरदान दिया था |
7: व्यास: ऋषि व्यास ने महाभारत की रचना की थी | वेदव्यास भी अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं |
8: राजा बलि: इन्होने ब्राह्मण रूप में आए भगवान विष्णु को दान में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया | राजा बलि से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा बलि को पाताल के राजा और अमरत्व का वरदान दिया |
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